मेरे मन की .
Saturday, March 3, 2012
होली आई रे...
शीघ्र ले आओ ..
टेसू रंग गुलाल...
होली आई रे...
सबको ढूंढो.
रंगों में भीगे आज...
भाभी ताई रे...
रह शालीन..
ना तू कहना लौट..
लाठी खाई रे..
रंग प्रेम का....
मिटा दे सारे द्वेष..
मेरे भाई रे......
हम बेहोश..
हुस्न ने जबसे ली..
अंगड़ाई रे...
(
म
नो
ज
)
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